स्वास्थ्य बीमा यानी हेल्थ इंशुरंस एक रिस्क मैनेजमेंट ( RISK MANAGEMENT TOOL ) टूल है ना कि एक टैक्स बचाने वाला प्रोडक्ट . यह हमें क्यों खरीदना चाहिए , आज एक तरफ बढ़ती है महंगाई है , साथ में जो भी इलाज है , वह बहुत ज्यादा महंगा होता जा रहा है . आजकल के समय में हिंदुस्तान भारत इंडिया एक DEVELOPING कंट्री के तौर के ऊपर बहुत मेहनत कर रहा है और बहुत सारे लोग आज कल मेहाई ब्लड प्रेशर के उपचार , गैस्ट्रिक प्रॉब्लम , एसिडिटी और शुगर या डायबिटीज की प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं . आज बहुत सारे लोग यह नहीं जानते कि आने वाले समय में १०-१५ साल के बाद जब भी इन बीमारियों का बड़ा इलाज आने की स्थिति होगी , उस समय मे उनके पास इसके लिए पैसे पर्याप्त नहीं होंगे क्योंकि दिन-प्रतिदिन मेडिकल ट्रीटमेंट का खर्च आज बहुत ही ज्यादा बढ़ता जा रहा है. एक आम आदमी की जो तनख्वाह है वह 5 से10 पर्सेंट साल में बढ़ती है जबकि हर साल जो इलाज है वह 15 से 20 पर्सेंट महंगा होता जा रहा है.
इसमें दोष किसका है. हमारी सरकार चाहे तो कुछ भी कर सकती है. लेकिन जितने भी नए कानून बनते हैं , उनका जमीनी स्तर पर सही इम्प्लीमेंटेशन नहीं हो पाता. खैर हम यह देखें कि हमारे पास आज क्या विकल्प बचते हैं
हमें पॉलिसी क्यों खरीदनी चाहिए
अगर कोई भी इंसान आज बीमार पड़ जाता है या गंभीरचोट लग जाती है, उनको तो उनकी या उनके लाइफ स्टाइल की वजह से कोई बड़ी बीमारी एकदम से आ जाती है तो अगर उनको एक हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ता है तो पैसे की मुश्किल हो जाती है. या तो वह बचत की गई पूँजी से इलाज़ करते या फिर अगर उनके पास पैसे नहीं है तो किसी न किसी से उधार ही लेंगे ( लेकिन वह पैसा भी कभी ना कभी वापस करना पड़ेगा ) .
तो ऐसी सिचुएशन कभी भी आ सकतीहै. आज एक तरीका है कि हम यह सोच ले कि बच्चों के हायर एजुकेशन या घर खरीदने के लिए , जो पैसे जुड़े हैं ,उसमें से बीमारी के इलाज़ का खर्चा करें और आप यह सोच ले कि मैं तो स्वस्थ हूं भाई और मुझे इस चीज ( इन्शुरन्स) की जरूरत ही नहीं है . यह तो एक अलग से तरीका हो गया लेकिन अगर आप अपने सिचुएशन को आने वाले टाइम में, अपनी लाइफ में, किसी भी तरीके की मेडिकल इमरजेंसी से बचना चाहते हैं तो आपका हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदनी ही चाहिए.
हमारे एक दोस्त हैं उनके पिताजी पिछले 10 साल से डायलिसिस करवा रहे हैं . उनको किडनी की प्रॉब्लम है . खर्चा भी इतने सालों में से इतना हो चुका है ,इस पैसे से कम से कम 50 हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकते थे . जब मैंने उनको 15 साल पहले एडवाइज किया था कि आप हमसे हेल्थ इन्शुरन्स की बात कर लें, उन्होंने इसको इग्नोर कर दिया . उन्होंने यह बोल कर मेरा मजाक बनाया कि यह कोई नए ज़माने की स्कीम है, हमें जरूरत नहीं है. पिताजी बीमार होने के बाद उनको एहसास हुआ कि हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी हमारे पास जरूर होनी चाहिए , आज कहीं ना कहीं उनको हेल्थ इंशुरंस ना होने की कमी तो खटकती है. अगर मेरा मजाक ना बना कर , इसको गंभीरता से लिया होता तो शायद उनको पैसे की कोई भी प्रॉब्लम ना होती.
दोस्तों , मेरा नाम है , सुमित भंडारी . आप हमारी वेबसाइट पर किसी भी तरह की हेल्थ इन्शुरन्स की जानकारी ले सकते हैं.